jodhpur me ghumne ki jagah – जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है जिससे ब्लू सिटी और सनसिटी के नाम से भी जाना जाता है यह शहर अपनी ऐतिहासिक इमारतें साही सुंदर महलो और संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है जोधपुर की स्थापना राव जोधा ने 1439 ईस्वी में की थी यह शहर मारवाड़ राज्य की राजधानी रहा है इतिहास में यह शहर व्यापार कला और संस्कृति का प्रमुख केंद्र रहा है जोधपुर में घूमने के लिए काफी सारे टूरिस्ट प्लेस है जिनमें मेहरानगढ़ किला जोधपुर का सबसे प्रसिद्ध किला है जो शहर के ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित है यहां से पूरे शहर का सुंदर दृश्य दिखाई देता है इसके अलावा जोधपुर में आपको बहुत कुछ घूमने के लिए मिल जाएगा और जोधपुर का खाना भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है अगर आप जोधपुर घूमने को जा रहे हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल में आखिर तक बने रहे क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको जोधपुर में घूमने की जगह के बारे में विस्तार से बताएंगे और बताएंगे आप जोधपुर में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह जा सकते हैं
1. उम्मेद भवन पैलेस – jodhpur me ghumne ki jagah
उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर राजस्थान में स्थित एक ऐतिहासिक और वस्तु कला की दृष्टि से महत्वपूर्ण महल है यह महल जोधपुर में स्थित है और महाराज उमेद सिंह द्वारा बनवाया गया है उम्मेद भवन का निर्माण 1929 में शुरू हुआ और 1943 में पूरा हुआ इसका निर्माण एक संत के श्राप से जुड़ा हुआ है जिन्होंने अकाल और महामारी का श्राप दिया था इसके बाद जोधपुर में लगातार 3 वर्षों तक अकाल पड़ा जिससे स्थानीय लोगों की रोजगार की आवश्यकता महसूस हुई और महाराज उमेद सिंह ने इस समस्या से निपटने के लिए महल के निर्माण शुरू किया जिसे स्थानीय लोगों को रोजगार मिला इस महल के निर्माण में लगभग 2000 से 3000 मजदूरों ने भाग लिया था उम्मेद भवन पैलेस का एक हिस्सा ताज होटल द्वारा संचालित किया जाता है जिसे ताजमहल भवन जोधपुर के नाम से जाना जाता है उम्मेद भवन जोधपुर के प्रमुख टूरिस्ट स्थान में से एक है और मेहरानगढ़ किला यहां से 6 किलोमीटर है अगर आप जोधपुर जा रहे हैं तो आपको उम्मेद भवन देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
2. जसवंत थड़ा – jodhpur me ghumne ki jagah
जसवंत थड़ा जोधपुर का एक ऐतिहासिक और वस्तु कला का खूबसूरत उदाहरण है जिसे राजस्थान का ताजमहल भी कहा जाता है यह सफेद संगमरमर से बना एक स्मारक है जिसे जसवंत सिंह की याद में बनवाया गया था और इसका निर्माण 1899 में किया गया था जसवंत थड़ा को राजपूत वास्तुकला का उत्कर्ष उदाहरण माना जाता है इसका निर्माण मकराना के पतरो से किया गया है जो सूर्य की रोशनी में सुनहरी चमक उत्पन्न करते हैं स्मारक के अंदर महाराजा जसवंत सिंह और उनके पूर्वजों की पेंटिंग को दिखाया जाता है स्मारक के चारों ओर सुंदर बाग बगीचे और एक छोटा सा तालाब है जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं यह प्रत्येक दिन सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है अगर आप जोधपुर घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको यह खूबसूरत जगह घूमने के लिए भी जरूर जाना चाहिए जिसे जसवंत थड़ा के नाम से जाना जाता है
3. मंडोर गार्डन – jodhpur me ghumne ki jagah
मंडोर गार्डन जोधपुर के उत्तर में स्थित है और यहा कई ऐतिहासिक स्थल है जो राजपूत इतिहास और वस्तु कला को दर्शाता है यह स्थान अपने प्राचीन मंडोर नगर की शाही विरासत के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है मंडोर का इतिहास छठवीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है जब यह गुर्जर प्रतिहरों के अधीनता और 14वीं शताब्दी में राठौड़ वंश के राव ने प्रतिहरों की राजकुमारी से विवाह कर मंडोर प्राप्त किया था इसे अपनी राजधानी भी बाद में बनाया 1459 में मंडोर से जोधपुर स्थानांतरित किया और मंडोर किला खंडार में तब्दील हो गया है अगर आप मंडोर घूमने के लिए जा रहे हैं तो मंडोर गार्डन में आपको कई राजाओं की स्मृतियां बनी हुई दिख जाएगी इसके अलावा आपको 33 एकड़ में फैले हिंदी देवी देवताओं के मंदिर भी आपके यहां पर देखने के लिए मिल जाएंगे
4. घंटाघर और सरदार मार्केट – jodhpur me ghumne ki jagah
घंटाघर जिसे जोधपुर का क्लॉक टावर भी कहा जाता है महाराज सरदार सिंह द्वारा 1880 से 1911 के बीच बनवाया गया था यह 29 मीटर ऊंचा है और यह राजपूत वस्तुकला का खूबसूरत मिश्रण दिखता है इस टावर का निर्माण समय की निगरानी के रूप में किया गया था घंटाघर के चारों ओर फैला सरदार मार्केट जोधपुर का सबसे प्रसिद्ध और व्यस्त मार्केट है यह बाजार पारंपरिक राजिस्तानि वस्तुओं से भरा हुआ है इसके अलावा यहां आपको हाथ से बने जूते और चमड़े के बेल्ट वगैरा भी यहां पर मिल जाते हैं बाजार सुबह 7:00 से रात 9:30 बजे तक खुला रहता है अगर आप जोधपुर जा रहे हैं तो घंटाघर देखने के लिए जरूर जाए
5. मेहरानगढ़ किला – jodhpur me ghumne ki jagah
मेहरानगढ़ किला राजस्थान के जोधपुर शहर में स्थित एक भव्य ऐतिहासिक किला है जिसे 1449 ईस्वी में राव वंश के शासक द्वारा बनवाया गया था यह किला लगभग 410 फीट ऊंची चट्टान पर स्थित है और जोधपुर के इतिहास को दर्शाता है मेहरानगढ़ का अर्थ सूर्य का घर जो राव वंश की सूर्यवंशी परंपरा को दर्शाता है यह जोधा अपनी राजस्थानी जोधपुर स्थानांतरित करते समय इस किले की नींव रखी मेहरानगढ़ किला 500 वर्षों की अवधि में विकसित हुआ जिसमें कई शासक ने अपना योगदान दिया है किले की दीवारें 68 फ़ीट चौड़ी और 117 फीट लंबी है किले में सात प्रमुख द्वारा हैं जिनमें जयपुर फतेहपुर लोहा पोल आदि शामिल है किले के अंदर आपको कई महल देखने को मिलते हैं जिनमें मोती महल फूल महल शीश महल और दौलत खाना है मेहरानगढ़ किले में एक म्यूजियम भी है जिसमें राजपूत कला की कवच और वस्त्र रखे गए हैं यह सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है अगर आप जोधपुर घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको मेहरानगढ़ किला घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए
निष्कर्ष – jodhpur me ghumne ki jagah
जैसा कि आपने हमारे आर्टिकल को पढ़ा है जोधपुर में घूमने की जगह और आपको आर्टिकल पढ़ने के बाद समझ आ गया होगा कि जोधपुर कैसा शहर है जोधपुर किस लिए प्रसिद्ध है और जोधपुर हमें कब जाना चाहिए अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल jodhpur me ghumne ki jagah अच्छा लगता है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं
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monu Meena is a travel blogger and founder of Tourast.online, passionate about exploring hidden gems and sharing travel tips to help others plan memorable trips across India.